लेखनी प्रतियोगिता -04-Jul-2022 जज्बात
जज्बात
ज़ज़्बात कागज पर उतार वो तो निकल गए।
हम समझे भी नहीं और वो तो निकल गए।
एहसास उनके दिल तक पहुंचे कुछ इस कदर,
हम शरमाते रहे ,मुस्कुरा कर वो तो निकल गए।
बातों में उनकी कशिश थी, कुछ इस कदर।
दिल को हमारे धड़काकर, वो तो निकल गए।
चाहत में हम उनकी , डूबे कुछ इस कदर
नींद रातों की मेरी चुरा कर , वो तो निकल गए।
हाले ए दिल भलाअपना, उनको बताए कैसे,
दिल की धड़कनो को बढाकर ,वो तो निकल गए।
यूं ही रातो को करवट बदलते रहे हम,
नींद पर हक अपना जताकर,वो तो निकल गए।
मोहब्बत का उनकी ये असर तो देखो ज़रा ,
दो पल में अपना बना कर ,वो तो निकल गए।
जोर चलता नहीं प्यार पर मधु अब तो कोई
धड़कनों को बेताब, कर वो तो निकल गए।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
प्रतियोगिता
Pallavi
05-Jul-2022 03:08 PM
बहुत खूबसूरत
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Abhinav ji
05-Jul-2022 07:35 AM
Very nice
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Swati chourasia
05-Jul-2022 05:54 AM
बहुत खूब 👌👌
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